साधारण भाषा में rti act ki dhara 8 में लोक सूचना अधिकारी को ऐसी सूचना देने से छूट प्राप्त होती है जो किसी अन्य व्यक्ति की व्यक्तिगत सूचना है,
In simple language, Section 8 of the RTI Act exempts the Public Information Officer from giving information which is personal information of another person.

rti act ki dhara 8 – सूचना के उजागर किए जाने से छूट – Exemption from disclosure of information
rti act ki dhara 8 की उपधारा (1)
इस अधिनियम के अंतर्गत किसी बात के होते हुए भी, आवेदक को निम्नलिखित सूचना देने की बाध्यताएं नहीं होगी :-
Notwithstanding anything contained in this Act, the applicant will not be under any obligation to provide the following information:-
खंड (क)
चाही गयी जानकारी जिसके उजागर होने से भारत की प्रभुता और अखंडता, रणनीति, वैज्ञानिक, राज्य सुरक्षा, या आर्थिक हित, विदेश से संबंध पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता हो या किसी अपराध को करने का उद्दीपन हो होता हो;
Clause (a) information sought to be disclosed which would prejudicially affect India’s sovereignty and integrity, strategic, scientific, state security, or economic interests, relations with a foreign country, or constitute incitement to the commission of an offence;
खंड (ख)
चाही गयी जानकारी, जिसके प्रकाशन को किसी न्यायालय या अधिकरण द्वारा अभिव्यक्त रूप से निसिद्ध किया गया है या जिसके उजागर होने से न्यायालय का अवमान होता है;
clause (b) Information sought, the publication of which has been expressly prohibited by any court or tribunal or the disclosure of which would amount to contempt of court;
खंड (ग)
चाही गयी जानकारी जिसके उजागर होने से संसद या किसी राज्य के विधान मंडल के विशेष अधिकार का भान कारीत होगा ;
clause (c) Information sought to be disclosed would give rise to the prerogatives of Parliament or the Legislature of any State;
खंड (घ)
चाही गयी जानकारी, जिसमें वाणिज्यिक विश्वास, व्यापार गोपनीयता या बौद्धिक संपदा, सम्मिलित है, जिसके उजागर होने से किसी पर व्यक्ति की प्रतियोगी स्थिति को नुकसान होता है, जब तक की सक्षम प्राधिकारी का यह समाधान नहीं हो जाता है कि ऐसी सूचना (आवेदक द्वारा चाही गयी) के उजागर होने से विस्तृत लोकहित का समर्थन होता है;
Clause (d) information sought, including commercial confidence, trade secrets or intellectual property, the disclosure of which would harm the competitive position of any person, unless the competent authority is satisfied that such information (by the applicant The disclosure of what is desired) supports the broader public interest;
खंड (ड.)
किसी व्यक्ति को उसको वैश्वासिक नातेदारी में उपलब्ध चाही गयी जानकारी, जब तक की सक्षम प्राधिकारी का यह समाधान नहीं हो जाता कि ऐसी सूचना के उजागर होने से विस्तृत लोकहित का समर्थन होता है;
Clause (e) Information sought to be made available to any person in confidence unless the competent authority is satisfied that the disclosure of such information serves the larger public interest;
खंड (च)
किसी विदेशी सरकार से विश्वास में प्राप्त (आंतरिक )चाही गयी जानकारी;
Clause (f) Information sought to be received (inside) in confidence from a foreign government;
खंड (छ)
चाही गयी जानकारी जिसको उजागर करना किसी व्यक्ति की व्यक्तिगत जीवन या व्यक्तिगत शारीरिक सुरक्षा को खतरे में डालेगा या जो विधि प्रदर्शन या सुरक्षा प्रयोजनों के लिए विश्वास में दी गई सूचना या सहायता के स्रोत की पहचान करेगा;
clause (g) Information sought to be disclosed which would endanger the personal life or personal physical safety of any person or which identifies the source of the information or assistance given in confidence for law enforcement or security purposes;
खंड (ज)
चाही गयी जानकारी जिससे अपराधियों के अन्वेषण, पकड़े जाने या अभियोजन की क्रिया में अड़चन पड़ेगी;
Clause (h) Information sought that would hinder the investigation, apprehension or prosecution of criminals;
खंड (झ)
मंत्रिमंडल के चाही गयी जानकारी जिसमें मंत्री परिषद सचिवों और अन्य अधिकारियों के विचार विमर्श के अभिलेख सम्मिलित हैं:
Clause (i) Information desired by the Cabinet including records of deliberations of the Council of Ministers Secretaries and other officials:
परंतु यह की मंत्रिपरिषद के निर्णय, उनके कारण तथा वह सामग्री जिसके आधार पर निर्णय किए गए थे, निर्णय किए जाने और विषय के पूरा या समाप्त होने के पश्चात चाही गयी जानकारी जनता को उपलब्ध कराए जाएंगे:
Provided that the decisions of the Council of Ministers, the reasons therefor and the material on the basis of which the decisions were taken, shall be made available to the public after the decision is taken and the matter is completed or concluded:
परंतु यह और की वे विषय जो इस rti act ki dhara 8 में विनिर्दिष्ट छूटो के अंतर्गत आते हैं, उजागर नहीं किए जाएंगे;
Provided further that the matters falling within the exemptions specified in section 8 of this RTI Act shall not be disclosed;

खंड (ञ)
चाही गयी जानकारी, जो व्यक्ति का सूचना से संबंधित है । *
Clause (j) The information sought, which relates to the information of the person. *
rti act ki dhara 8 की उपधारा (2)
शासकीय गुप्त बात अधिनियम, 1923 (1923 का 19 ) में उपाधारा (एक) के अनुसार अनुज्ञेय किसी छूट में किसी बात के होते हुए भी किसी लोक प्राधिकारी को सूचना तक पहुंच अनुज्ञात की जा सकेगी यदि चाही गयी जानकारी के उजागर होने में लोकहित संरक्षित हितो के नुकसान से अधिक है ।
Notwithstanding anything contained in any exemption allowable under sub-section (1) of the Official Secrets Act, 1923 (19 of 1923), any public authority may be allowed access to information if the public interest in the disclosure of the desired information outweighs the protected interest. is more than the loss.
rti act ki dhara 8 की उपधारा (3)
उपधारा (१) के खंड (क), खंड (ख), खंड (ग) और खंड (झ) के अपबंधों के आधीन रहते हुए ऐसी किसी चाही गयी जानकारी, ऐसी घटना, वृतांत या विषय से संबंधित कोई सूचना, जो उसे तारीख से, हैं जिसको धारा 6 के अधीन अनुरोध किया जाता है, 20 वर्ष पूर्व घटित हुई थी यह हुआ था, उस धारा के अधीन अनुरोध करने वाले किसी व्यक्ति को उपलब्ध कराई जाएगी :
Subject to the provisions of clauses (a), clauses (b), clauses (c) and clauses (i) of sub-section (1), any information sought, any information relating to such incident, account or matter as is available to him on the date shall be made available to any person making a request under section 6, if it occurred 20 years before the date to which the request is made under section 6:
परंतु है कि जहां उसे तारीख के बारे में जिससे 20 वर्ष पूर्व की उक्त अवधि को संगणित किया जाता है, कोई प्रश्न उद्भूत होता है, वहां इस अधिनियम में उसके लिए उपबंधित प्रायिक अपीलों के अधीन रहते हुए केंद्रीय सरकार का वनिश्चय अंतिम होगा ।
Provided that where any question arises as to the date from which the said period of 20 years is to be reckoned, the decision of the Central Government shall, subject to the peremptory appeals provided for in this Act, be final.
प्रतिस्थापन (संशोधन)
* अधिनियम क्रमांक 22 सन 2023, धारा 44 (3) द्वारा प्रतिस्थापित। प्रतिस्थापन से पूर्व खंड (ञ) निम्नवत था
* Substituted by Act No. 22 of 2023, Section 44 (3). Before substitution, clause (j) read as follows
चाही गयी जानकारी, जो व्यक्तिगत सूचना से संबंधित है, जिसका उजागर होने किसी लोक क्रियाकलाप या हित से संबंध नहीं रखता है या जिससे व्यष्टि की एकांतता पर अनावश्यक अतिक्रमण होगा, जब तक की यथा स्थिति, केंद्रीय लोक सूचना अधिकारी या राज्य लोक सूचना अधिकारी या अपील प्राधिकारी का या समाधान नहीं हो जाता है कि ऐसी सूचना का उजागर होने विस्तृत लोकहित में न्यायोचित है :
The information sought relates to personal information, the disclosure of which does not relate to any public activity or interest or which would cause undue invasion of the privacy of the individual, unless the Central Public Information Officer or the State Public Information Officer, as the case may be, or The appellate authority is not satisfied that the disclosure of such information is justified in the larger public interest:
परंतु ऐसी चाही गयी जानकारी के लिए जिसको, यथा स्थिति, संसद या किसी विधानमंडल को देने से इनकार नहीं किया जा सकता है , किसी व्यक्ति को इनकार नहीं किया जा सकेगा ।
Provided that no person shall be refused any request for any information which cannot be refused to be given to Parliament or to any Legislature, as the case may be.
rti act ki dhara 8 से संबंधित महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर
प्रश्न- rti act ki dhara 8 में क्या छूट है?
उत्तर- साधारण भाषा में rti act ki dhara 8 में लोक सूचना अधिकारी को ऐसी सूचना देने से छूट प्राप्त होती है जो किसी अन्य व्यक्ति की व्यक्तिगत सूचना है,
प्रश्न- rti act ki dhara 8 की उपधारा (1) में क्या छूट है?
उत्तर- इस अधिनियम के अंतर्गत किसी बात के होते हुए भी, आवेदक को निम्नलिखित सूचना देने की बाध्यताएं नहीं होगी :-
प्रश्न- rti act ki dhara 8 की उपधारा (2) में क्या छूट है?
उत्तर- शासकीय गुप्त बात अधिनियम, 1923 (1923 का 19 ) में उपाधारा (एक) के अनुसार अनुज्ञेय किसी छूट में किसी बात के होते हुए भी किसी लोक प्राधिकारी को सूचना तक पहुंच अनुज्ञात की जा सकेगी यदि चाही गयी जानकारी के उजागर होने में लोकहित संरक्षित हितो के नुकसान से अधिक है ।
प्रश्न- rti act ki dhara 8 की उपधारा (3) में क्या छूट है?
उत्तर- उपधारा (१) के खंड (क), खंड (ख), खंड (ग) और खंड (झ) के अपबंधों के आधीन रहते हुए ऐसी किसी चाही गयी जानकारी, ऐसी घटना, वृतांत या विषय से संबंधित कोई सूचना, जो उसे तारीख से, हैं जिसको धारा 6 के अधीन अनुरोध किया जाता है, 20 वर्ष पूर्व घटित हुई थी यह हुआ था, उस धारा के अधीन अनुरोध करने वाले किसी व्यक्ति को उपलब्ध कराई जाएगी :
प्रश्न- rti act ki dhara 8 की उपधारा (1) के खंड (क) में क्या छूट है?
उत्तर- चाही गयी जानकारी जिसके उजागर होने से भारत की प्रभुता और अखंडता, रणनीति, वैज्ञानिक, राज्य सुरक्षा, या आर्थिक हित, विदेश से संबंध पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता हो या किसी अपराध को करने का उद्दीपन हो होता हो;
प्रश्न- rti act ki dhara 8 की उपधारा (1) के खंड (ख) में क्या छूट है?
उत्तर- चाही गयी जानकारी, जिसके प्रकाशन को किसी न्यायालय या अधिकरण द्वारा अभिव्यक्त रूप से निसिद्ध किया गया है या जिसके उजागर होने से न्यायालय का अवमान होता है;
प्रश्न- rti act ki dhara 8 की उपधारा (1) के खंड (ग) में क्या छूट है?
उत्तर- चाही गयी जानकारी जिसके उजागर होने से संसद या किसी राज्य के विधान मंडल के विशेष अधिकार का भान कारीत होगा ;
प्रश्न- rti act ki dhara 8 की उपधारा (1) के खंड (घ) में क्या छूट है?
उत्तर- चाही गयी जानकारी, जिसमें वाणिज्यिक विश्वास, व्यापार गोपनीयता या बौद्धिक संपदा, सम्मिलित है, जिसके उजागर होने से किसी पर व्यक्ति की प्रतियोगी स्थिति को नुकसान होता है, जब तक की सक्षम प्राधिकारी का यह समाधान नहीं हो जाता है कि ऐसी सूचना (आवेदक द्वारा चाही गयी) के उजागर होने से विस्तृत लोकहित का समर्थन होता है;
प्रश्न- rti act ki dhara 8 की उपधारा (1) के खंड (ड.) में क्या छूट है?
उत्तर- किसी व्यक्ति को उसको वैश्वासिक नातेदारी में उपलब्ध चाही गयी जानकारी, जब तक की सक्षम प्राधिकारी का यह समाधान नहीं हो जाता कि ऐसी सूचना के उजागर होने से विस्तृत लोकहित का समर्थन होता है;
प्रश्न- rti act ki dhara 8 की उपधारा (1) के खंड (च) में क्या छूट है?
उत्तर- किसी विदेशी सरकार से विश्वास में प्राप्त (आंतरिक )चाही गयी जानकारी;
प्रश्न- rti act ki dhara 8 की उपधारा (1) के खंड (छ) में क्या छूट है?
उत्तर- चाही गयी जानकारी जिसको उजागर करना किसी व्यक्ति की व्यक्तिगत जीवन या व्यक्तिगत शारीरिक सुरक्षा को खतरे में डालेगा या जो विधि प्रदर्शन या सुरक्षा प्रयोजनों के लिए विश्वास में दी गई सूचना या सहायता के स्रोत की पहचान करेगा;
प्रश्न- rti act ki dhara 8 की उपधारा (1) के खंड (ज) में क्या छूट है?
उत्तर- चाही गयी जानकारी जिससे अपराधियों के अन्वेषण, पकड़े जाने या अभियोजन की क्रिया में अड़चन पड़ेगी;
प्रश्न- rti act ki dhara 8 की उपधारा (1) के खंड (झ) में क्या छूट है?
उत्तर- मंत्रिमंडल के चाही गयी जानकारी जिसमें मंत्री परिषद सचिवों और अन्य अधिकारियों के विचार विमर्श के अभिलेख सम्मिलित हैं l
प्रश्न- rti act ki dhara 8 की उपधारा (1) के खंड (ञ) में क्या छूट है?
उत्तर- चाही गयी जानकारी, जो व्यक्ति का सूचना से संबंधित है ।
प्रश्न- rti act ki dhara 8 की उपधारा (1) के खंड (ञ) में संशोधन कब हुआ?
उत्तर- अधिनियम क्रमांक 22 सन 2023, धारा 44 (3) द्वारा प्रतिस्थापित।
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